क्षयरोगी के अभिभावक की भूमिका में आए चालक संघ के सचिव मो.वसीम

क्षयरोगी के अभिभावक की भूमिका में आए चालक संघ के सचिव मो.वसीम

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क्षयरोगी के अभिभावक की भूमिका में आए चालक संघ के सचिव मो.वसीम

पूर्व में भी क्षयरोगी को गोद लेकर निभाई है जिम्मेदारियां

सुल्तानपुर भारत व राज्य सरकारों के प्रयास से देश में टीबी जैसी घातक बीमारियों का असर बेअसर तो जरूर हो रहा है,परंतु अभी भी जो क्षयरोगी है,उन्हें एक ऐसे सहारे की जरूरत है जिससे उन्हें बीमारी से लड़ने में मदद मिले,टीबी बीमारी का ईलाज बेहद आसान है,सरकार उम्दा किस्म की दवाएं साथ में मरीजों को प्रतिमाह पांच सौ रू.भी देती है,जिससे उस पैसे से मरीज पौष्टिक चीजों का सेवन कर सके,बावजूद इसके क्षयरोगियों को गोद लेने का एक अभियान चल रहा है,जिससे आर्थिक रूप से मजबूत लोग क्षयरोगियों को गोद लेकर उनके दवा,ईलाज और पौष्टिक खान-पान की थोडी,बहुत व्यवस्था कर सके,परंतु मंचो से लंबे-चौडी बाते करने वाले इस समस्या की तरफ देखना भी गंवारा नही करते,ऐसे में कुछ ऐसे इंसानियत वाले लोग है जो बगैर प्रचार-प्रसार अपने काम को अंजाम तक पहुंचा रहे है,उन्ही चंद लोगों में शामिल है,मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात चालक संघ के सचिव मो.वसीम जो लगातार टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी खिदमत कर रहें है,हाल ही में उन्होने फिर एक क्षयरोग से ग्रसित बच्ची को गोद लेकर उसे पौष्टिक आहार किट देते हुए कहाकि मेरा रब मुझसे इंसानों की खिदमत करवाता है,ईश्वर जिससे जो काम चाहता है,उससे करवा लेता है,उसकी मर्जी है की मै ऐसे लोगों की सेवा करूं,तो मैं कर रहा हूं,बताते चले की पूर्व में भी मो.वसीम क्षयरोगियों को गोद ले रखा है,जिनके लिए हर महीने अपनी तरफ से पौष्टिक चीजों की किट तैयार करके देते है,साथ में कुछ पैसे भी देते है,और उसकी दवा,ईलाज के साथ ही उसका हाल-चाल की भी खबर लेते रहते है।मरीज को किट देते समय जिला क्षयरोग अधिकारी डाॅ.आरके कन्नौजिया,क्षयरोग परीक्षण अधिकारी सुरेश कुमार मौजूद रहे।

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