दोस्ती एक एहसास है, सच्चा दोस्त कैसा होना चाहिए ? – यहां पढें

दोस्ती एक एहसास है, सच्चा दोस्त कैसा होना चाहिए ? – यहां पढें

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दोस्त सोचो, एक शाम तुम्हें अकेलापन घेर लेता है। कमरे की खामोशी तुम्हारे साथ बातें करने लगती है, और दिल में एक अजीब सा खालीपन महसूस होता है। तुम खिड़की से बाहर झाँकते! हो, लेकिन वो भी तुम्हें कोई जवाब नहीं देती। ऐसा लगता है, जैसे पूरी दुनिया ने तुमसे मुँह मोड़ लिया है।

इसी बीच, तुम्हारे फोन पर एक संदेश आता है। “कैसा है यार?” बस इतना सा सवाल, लेकिन उस सवाल में ढेर सारा अपनापन छिपा होता है। यही तो दोस्ती की ताकत है। जब तुम खुद से दरवाजे पर दस्तक देती है।

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तुम्हारे अकेलेपन का वो लंबा रास्ता अचानक से छोटा लगने लगता है। दोस्ती का साथ मिलते ही जैसे वो रास्ता भी महकने
लगता है। तुम दोनों बातें करने लगते हो, पुरानी यादों को ताजा करते हो। हंसते हो, कभी-कभी पुरानी गलती पर मजाक बनाते हो। और धीरे-धीरे, वो अकेलापन पीछे छूट जाता है, जैसे कोई बुरा सपना।

फिर तुम्हें एहसास होता है कि दोस्ती एक ऐसी कहानी है, जो कभी खत्म नहीं होती। ये एक ऐसी किताब है, जिसका हर पन्ना तुम्हारी उदासी को मिटा देता है। अकेलेपन के उस रेगिस्तान में, दोस्ती एक ठंडी नदी की तरह बहती है, जो तुम्हारे दिल को शांति से भर देती है।

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यही दोस्ती का जादू है। जब जिंदगी का सफर कठिन लगने लगता है, दोस्त का हाथ तुम्हें सहारा देता है। उसकी बातें तुम्हारे दिल को हल्का कर देती हैं, और उसकी हंसी तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान ले आती है। इस तरह, दोस्ती अकेलेपन का सबसे प्यारा इलाज बन जाती है।

सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
आपकी मित्र
सुमैया खातून

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