आज के दौर में महिलायें हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी का एहसास दिला ही देती हैं. महिलाओ ने जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक अपने कदमो की छाप बना दी है. लेकिन महिलाओं की सुरक्षा की बात करे, तो यह दुनियाभर में एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जो की एक चर्चा का विषय है. क्यूंकि कभी बुजुर्ग महिला, तो कभी डॉक्टर या यूँ कहे की किसी भी क्षेत्र में महिलाए इन हैवानों की हैवानियत का शिकार हो जाती है.अपराधियों की मानसिकता की बात करे तो वो 6 महीने की बच्ची को भी अपनी हवस का शिकार बना लेते है या यूँ कहे की ये दरिंदे जानवरो को भी अपनी दरिंदगी का शिकार बना लेते है, जिस देश में महिला सुरक्षा के लिए बड़े बड़े भाषण दिए जाते है, उस देश में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जाता है तो आखिर महिला अपनी सुरक्षा की उम्मीद किससे करे? हाल-फिलहाल में बलात्कार के कुछ मामलों ने देश को झिंझोर कर रख दिया है. आपको बता दे कि देशभर में बलात्कार और गैंगरेप की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है. हाल ही में हुए कोलकाता के इस रेप कांड ने 2012 के निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी हैं. जिसे सुन हर किसी की रूह कांप गई.
प्रीतिदिन महिलाओ के साथ हो रहे बलात्कार का रेशिओ
भारत में हर घंटे 3 महिलाएं दरिंदो की हवस का शिकार होती है, यानी हर 20 मिनट में 1 महिला के साथ रेप होता है. अब आप ही अंदाज़ा लगा सकते हैं की 1 दिन में कितनी महिलाएं बलात्कार का शिकार होती है. रेप के मामलों में तो 100 में से केवल 27 आरोपियों को ही सजा होती है, बाकी बरी हो जाते हैं. और 30% केस तो समाज में बदनामी के डर से सामने ही नहीं आते है. निर्भया मामला सामने आने के बाद लोगों में जागरूकता, एकजुटता, रोष और संवेदनशीलता को देखते हुए रेप के मामले में कानून सख्त कर दिया गया था, ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी की जा सके. पहले जबरदस्ती या असहमति से बनाए गए संबंधों को ही रेप के दायरे में लाया जाता था. लेकिन 2013 में कानून में संशोधन करा गया था. जुवेनाइल कानून में भी संशोधन किया गया था, यानि 16 और 18 वर्ष से कम उम्र का किशोर इस तरह का जघन्य अपराध करता है, तो उसके साथ वयस्क की तरह ही बर्ताव किया जाएगा ये संशोधन इसलिए हुआ था, क्योंकि निर्भया मामले में छह दोषियों में से एक नाबालिग था और तीन साल में ही रिहा हो गया था.
महिलाओ की सुरक्षा क्यों जरूरी है?
स्कूल, दफ्तर, हॉस्पिटल या अन्य जगह पर जाने वाली महिलाए भय के साये में जी रही है। जब भी वे घर से बाहर निकलती है तो सिर से लेकर पैर तक ढकने वाले कपडे पहनने को मजबूर है। इससे भी अजीब बात तो यह है की कई जगहों पर ऐसा भी देखा गया है माँ-बाप पैसे के लालच में अपनी ही बेटी को वैश्यावृति के नरक में धकेल देते है। राह चलती लड़की पर तेज़ाब फेंकना और शारीरिक संबंध की इच्छा को पूरा करने के लिए किसी भी महिला का अपहरण करना अपराधियों के लिए आम बात हो गई है. लगातार बढ़ रहे रेप के केस को कम करने के लिए अपराधियों के खिलाफ सरकार को कठोर कदम उठाने की सख्त जरुरत है. महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए। अश्लील और अनैतिक जानकारियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। रात में आने- जाने वाली महिलाओ के लिए सरकार को रास्ते में सुरक्षा का पुख्ता इंतेज़ाम करना चाहिए.
महिलाओ को सुरक्षा के लिए सरकार के द्वारा जारी किए गए नंबर
महिलाओं की मदद के लिए सरकार ने नंबर जारी किए हैं। इन पर कॉल करके तुरंत मदद पाई जा सकती है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर फंस गए हैं, तो आप तुरंत 1091/1090 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं 1091/1090 डायल करने से आपको संकटग्रस्त क्षेत्र से बाहर निकलने में पुलिस सहायता मिलती है और आपको सुरक्षित घर पहुंचाया जाता है। वुमंस हेल्पलाइन नंबर 1091/1090 पूरे देश के लिए है। इसके अलावा महिलाएं नेशनल कमिशन फॉर वुमन में अपनी कोई बात रखना चाहें तो वे 0111-23219750 पर कॉल कर सकती हैं. इसके अतरिक्त महिलाये अपनी सुरक्षा के लिए पेपर स्प्रे, स्टन गन अपने साथ हमेशा रखे. बच्चियों की गुड टच और बैड टच के बारे जागरूक करना अति आवश्यक है.
महिलाये टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अपनी सुरक्षा कर सकती हैं
महिलाओं की सुरक्षा आजकल का प्रमुख मुद्दा है। घर से बाहर निकलती महिलाओं के लिए एक ऐसे माहौल की जरूरत होती है जिसमें वो खुद को सुरक्षित महसूस करें। वहीं, अगर बात करे महिलाओं की सुरक्षा की, तो ऐसे कई गेजेट्स और एप्स है, जिनकी मदद से महिलाएं अपना ध्यान रख सकती हैं।
सेफटीपीन एप्परक्षा एप- इस एप में सुरक्षित और असुरक्षित जगहों की जानकारी हासिल कर सकते हैं
हिम्मत प्लस एप- इस एप में एसओएस बटन की सुविधा मिलेगी, जिससे आपातकाल की स्थिति में यूजर की लोकेशन, ऑडियो और वीडियो सीधा पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी।
वीमेन सेफ्टी एप – इस एप की खासियत है कि ये किसी इमरजेंसी के समय यूजर की आवाज का 45 सेकेंड का संदेश, वीडियो और लोकेशन आपातकालीन नंबर पर भेज सकता है।
बेसेफ एप- आप इस एप का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए कर सकते है। इसमें आपको एसओएस और लोकेशन शेयरिंग जैसे फीचर मिलेंगे, जिससे आप इन्हें आपातकाल की स्थिति में इस्तेमाल कर पाएंगे।
शेक तू सेफ्टी एप- महिलाओं की सुरक्षा का ये ऐप बहुत ही कारगर है। इसमें संदेश को बस फोन हिलाकर या पॉवर बटन को चार बार दबाकर पहले से तय किए गए नंबरों पर भेजा जा सकता है। इस ऐप की खासियत है कि आप चाहें तो फोन हिलाकर संदेश भेजने वाली सुविधा को बंद भी किया जा सकता है। स्मार्ट 24/7 एप्प के जरिए महिलाये अपना ध्यान रख सकती है. हर महिलाओं को इन एप्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए।