लगातार सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों के घेरे में फंस गई हैं। आपको बताते चले कंगना रनौत की मुश्किलें अब बढ़ सकती है, क्युकी भाजपा सरकार ने तो कन्नी काट ली है. भाजपा ने कंगना रनौत को नसीहत देते हुए कहा, पार्टी की ओर से भाजपा के नीतिगत विषयो पर बोलने या हस्तक्षेप करने के लिए वह अधिकृत नहीं है. दरअसल कंगना रनौत के किसान आंदोलन पर दिए गए एक नए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। कंगना ने मुंबई में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो में भारत भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। किसान आंदोलन के दौरान हमने देखा है कि, कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर हिंसा फैलाई गई है। प्रोटेस्ट के नाम पर वंहा रेप और हत्याएं हो रही थी, लोगों को मार कर लटकाया जा रहा था। इसके बाद कंगना ने कहा कि जब केंद्र सरकार द्वारा बिल वापस लिए गए तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो कुछ और ही थी।
कंगना होगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद
कंगना के इस बयान के बाद विवाद गर्मा गया है। वहीं भाजपा ने भी कंगना के इस बयान से पल्ला झाड़ लिया है. भाजपा ने कंगना को निर्देशित करते हुए कहा है, की वह ऐसी तल्ख़ बयान भविष्य में न दे. भारतयीय जनता पार्टी का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास, सबका साथ और सबका प्रयास है. इस तरह पार्टी ने कंगना के बयान से ही दूरी बना ली. कांग्रेस द्वारा कंगना के खिलाफ एन.एस.ए. के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेजने की मांग की जा रही है। दूसरी ओर किसान संगठनों का कहना है कि कंगना मंडी सांसद हैं, उन्हें समझदारी से बोलना चाहिए। वह पंजाब का माहौल खराब कर रही है।