भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2025: विकास की दिशा और संभावनाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया, जिसमें भारत की आर्थिक स्थिति, विकास के प्रमुख क्षेत्र और भविष्य की संभावनाओं का व्यापक विश्लेषण किया गया है। इस सर्वेक्षण में आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। यह रिपोर्ट आगामी बजट और आर्थिक नीतियों की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
आर्थिक सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु
1. आर्थिक वृद्धि और स्थिरता
भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद स्थिर बनी हुई है। औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में मजबूती के चलते विकास दर संतोषजनक बनी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा किए गए ढांचागत सुधारों और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
2. कृषि और औद्योगिक क्षेत्र का प्रदर्शन
कृषि क्षेत्र ने महामारी के दौरान भी मजबूती दिखाई थी और अब भी यह स्थिरता बनाए हुए है। सरकार की विभिन्न योजनाओं और सिंचाई सुधारों के चलते कृषि उत्पादकता में वृद्धि देखी गई है। वहीं, औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने के संकेत मिले हैं, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि की संभावना बनी हुई है। सेवा क्षेत्र भी महामारी से पहले के स्तर को पार कर चुका है और निर्यात क्षेत्र में योगदान दे रहा है।
3. मुद्रास्फीति और महंगाई नियंत्रण
महंगाई दर में गिरावट देखी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.4% थी, जो अब घटकर 4.9% हो गई है। यह संकेत देता है कि महंगाई नियंत्रण के लिए सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम प्रभावी साबित हो रहे हैं।
भारत की भविष्य की आर्थिक दिशा
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए आने वाले दो दशकों तक औसत 8% की जीडीपी वृद्धि दर बनाए रखना आवश्यक होगा। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं का इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
चुनौतियाँ और सुझाव
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वचालन और वैश्विक बाजार में आई मंदी जैसी चुनौतियाँ भारत के औद्योगिक विकास को प्रभावित कर सकती हैं। इसके समाधान के लिए नवाचार और तकनीकी विकास को प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है। साथ ही, निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने और भारत की उत्पादन क्षमता को मजबूत करने पर भी ज़ोर दिया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 भारत की आर्थिक सेहत का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। सरकार की नीतियों, संरचनात्मक सुधारों और डिजिटल क्रांति के चलते भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती से उभर रहा है। यह रिपोर्ट आने वाले केंद्रीय बजट 2025 की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अब देखना यह होगा कि आगामी बजट में इन सिफारिशों को कितना महत्व दिया जाता है और भारत की अर्थव्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष में कितनी मजबूती के साथ आगे बढ़ती है।