मूलभूत सुविधाओं से वंचित सदर तहसील के आखिर कब बदलेंगे दिन?

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••सुल्तानपुर। प्रधानमंत्री के स्वच्छ-भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां देखना हो तो तहसील सदर में आइए।योगी सरकार भले ही जनता की सुविधा देने की बात करती हो,लेकिन यहां तो अव्यवस्था ही अव्यवस्था है।

फिलहाल एडीएम-ई गौरव शुक्ल ने आकस्मिक निरीक्षण किया है।फिलहाल फरियादियों के लिए कोई सुविधा नहीं है ,गंदगी का अंबार जमा है। सदर में भी न तो फरियादी के लिए स्वच्छ सामूहिक शौचालय है न ही पेय जल की व्यवस्था।बिल्डिंग में बना शौचालय पूरी तरह से निष्क्रिय है। *जलपान वाली कैंटीन फांक रही है धूल.* नवीन कैंटीन की नीलामी कई लाख रु में होती है लेकिन संचालित कभी नही होती।पूछने पर महकमे के जिम्मेदार कहते हैं राजस्व वसूली एक मुश्त हो गई,चाहे चले या न चले।इसी कैंटीन के पीछे बना शौचालय झाड़ी जंगल से घिरा है,पूरी तरह से ध्वस्त है। यही नहीं बाहर बना शौचालय की गंदगी व मल इसी परिसर में बहता है।खैर जनता आती है परिसर में खुले में पेशाब करने को मजबूर है। *सुविधाएं को लेकर हाशिये पर है आधी आबादी.* महिलाए कहां जाय इसकी व्यवस्था नहीं हैं। *सुविधा शुल्क दो, काम हो.* वही बिना पैसे के नही होता कोई काम जबकि कई लेखपाल भ्रष्टाचार के मामले में एंटी करप्शन टीम भेज चुकी है जेल। *मूक दर्शक बन खड़े रहे जिम्मेदार.* निरीक्षण के समय मौजूद रहे तहसीलदार व नायब।अचानक एडीएम ई के पहुंचने की सूचना मिलते ही अवैध वसूली करने वाले आउट साइडर/प्राइवेट कर्मी भाग खड़े हुए। सभी पटल ,कोर्ट व कानूनगो,लेखपालो का काम निपटाते है प्राइवेट कर्मी।आम जनता से करते है वसूली। *अब यह देखना होगा कि इस निरीक्षण से क्या सदर तहसील में बेहतर सुविधाओं से अच्छे दिन आएंगे या नहीं ?*

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