आम आदमी पार्टी के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है, पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं, ईडी के बाद अब सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है जिसके बाद केजरीवाल की आफत बढ़ती जा रही है..और केजरीवाल के महंगे वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं..वहीं केजरीवाल के चक्कर में सिंघवी का करियर दांव पर लग गया है..और अब सिंघवी के होते हुए भी सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ है उसके बाद केजरीवाल की पार्टी के लिए बोलना मुश्किल हो गया है..सुप्रीम कोर्ट के जज भी हैरान रह गए की आखिर केजरीवाल के घर में ये कैसे हो सकता है?..दर्शकों अरविंद केजरीवाल का जो सरकारी आवास हैं वो शायद गुंडो का अड्डा हैं. दर्शको कहते हैं की केजरीवाल के घर में हर जगह कैमरा लगा हैं उनके बेड़रुम में भी लेकिन लिवींग एरिया में नही लगा हुआ हैं. कितना बड़ा मजाक हैं
दरअसल अरविन्द केजरीवाल के चहेते वकील अभिषेक मनु सिंघवी के होते हुए भी सुप्रीम कोर्ट में अरविन्द केजरीवाल एक्सपोज़ हो गए हैं..और जज साहब ने अच्छे से क्लास लगा दी हैं..स्वाति मालीवाल संग मारपीट मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व सचिव विभव कुमार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनको शर्म नहीं आई। वह एक महिला है। हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन इस मामले में किस तरह से नैतिकता को ताक पर रख दिया गया। दरअसल स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केस पर बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की “महिला से गलत बर्ताव पर क्या शर्म नहीं आई। कोर्ट ने पूछा कि क्यों कोई बिभव कुमार के खिलाफ गवाही देगा? क्या आवास गुंडों को रखने के लिए है? जब बिभव कुमार निजी सचिव के पद पर नहीं थे, तो वो सीएम आवास में क्या कर रहे थे? वहां क्यों थे? बता दें कि बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है। बता दें कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
अब सुप्रीम कोर्ट के सख्त टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी बैक फुट पर हैं..लेकिन विभव कुमार को बचाने के लिए केजरीवाल ने अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतार दिया है..लेकिन सिंघवी की भी दाल नहीं गल रही है..सुनवाई में बिभव कुमार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी करते हुए कहा कि एफआईआर 3 दिन बाद दर्ज कराई गई। स्वाति मालीवाल थाने गई लेकिन बिना एफआईआर दर्ज कराए ही लौट आईं। सिंघवी ने आगे कहा कि पहले दिन वह पुलिस के पास गईं, लेकिन कोई शिकायत नहीं की। लेकिन फिर कई दिन बाद शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या स्वाती मालीवाल ने 112 पर काल किया था? अगर हां तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता कि उसने मनगढंत कहानी गढ़ी। वहीं सिंघवी ने माना कि स्वाति मालीवाल सीएम आवास गई थीं। जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या सीएम का सरकारी घर निजी आवास है? क्या इसके लिए इस तरह के नियमों की जरूरत है? हम हैरान हैं, यह मामूली या बड़ी चोटों के बारे में नहीं है। हाईकोर्ट ने हर बात को सही तरीके से सुना है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि क्या सीएम का आवास गुंडों को रखने के लिए है?. कोर्ट ने कहा कि स्वाति की ओर से सेहत के संबंध में बताए जाने के बावजूद बिभव कुमार ने उसके साथ मारपीट की। तो देखा आपने कैसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी और केजरीवाल घिर गए हैं?
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