Petrol: पेट्रोल- डीजल में गिरावट
हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोप पर सेबी ने कहा
अमेरिका शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिसर्च की रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में हुई है. अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को अपनी रिसर्च की रिपोर्ट जारी कर दावा किया था की अदाणी के विदेशी फंड में सेबी चीफ और उनके पति की हिस्सेदारी का दावा किया है हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप और सेबी चीफ की मिलीभगत का भी आरोप लगाया है हिंडनबर्ग कि रिपोर्ट ने यह भी दावा किया है की सेबी चीफ और उनके पति धवल ने मॉरिशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है जिसके माध्यम से भारत में अडाणी ग्रुप की कंपनी में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया है.
- हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोप पर सेबी ने कहा निराधार
हलाकि सेबी माधबी बुच और उनके पति धवन बुच ने हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। बुच ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा की इन आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है. वहीं दूसरी तरफ अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है इन आरोपों के द्वारा मुनाफा कमाने की साजिश करने की बात कही है इस मामले में राजनितिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो गयी है हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर काफी सवाल भी उठ रहे है एक्सपर्ट ने भी इस मामले में विदेशी साजिश होने की संदेह बता रहे है आइये समझते है सेबी पर लगाए गए अरोपो के पीछे किया खेल चल रहा है.
गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी का अरबो का निवेश
दरअसल हिंडेनबर्ग ने व्हिसिल ब्लोअर डॉक्युमेंट्स के आधार पर आरोप लगाया है की भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पूरी बुच और उनके पति धवल बुच का मॉरीशस की ऑफशोर कम्पनी ग्लोबल डायनामिक अपॉर्चुनिटी फंड में हिस्सेदारी है इस फण्ड में गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने अरबो डॉलर का निवेश किया है इन पैसो का निवेश शेयर बाजार में तेज़ी लेन के किया गया है हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट करीब 106 पेज़ की है इस मामले में सेबी चीफ और अदाणी ने भी प्रतिकिर्या दी है
धवल बुच सेबी की नियुक्ति से पहले हटवा देना चाहते थे माधबी बुच का नाम
हिंडनबर्ग का आरोप है माधबी के सेबी चीफ बनने से 5 साल पहले 22 मार्च 2017 को उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस फण्ड ट्राइडेंट ट्रस्ट को एक ईमेल भेजा था की उनका और उनकी पत्नी का ग्लोबल डायनामिक ऑपर्चुनिटी फंड में निवेश है धवल ने निवेदन किया था कि उन्हें इस फंड को अकेले चलाने दिया जाए अब इससे तो यह साफ है की सेबी में नियुक्ति से पहले धवल इससे अपनी पत्नी का नाम हटवा देना चाहते थे हिंडनबर्ग के अनुसार अदाणी पर जो भी आरोप के खुलासे किये है उनपर लगाए गए हर आरोप के हमारे पास सबूत है और 40 से ज्यादा मीडिया पड़ताल में भी यह बात सामने सामने आई है लेकिन सेबी ने इन आरोपी की कोई कार्यवाई नहीं की हलाकि इन आरोपों की जांच की जिम्मेदारी सेबी के ही पास थी लेकिन सेबी ने उलट हमें ही 27 जून 2024 को कारण बताओ नोटिस दे दिया। ये नोटिस हमे अडानी के शेयर बाज़ारो में ली गयी शार्ट पॉज़िशन लेने के कारण था.